Uttarakhand जिसे देवभूमि भी कहा जाता है। इसमें अनेक तीर्थ स्थान और मंदिर हैं। जिनमे प्रमुख हैं Yamunotri, Gangotri, Kedarnath, Badrinath। इसे Chota Char Dham भी कहते हैं। और आगामी अप्रैल से Char Dham Yatra 2020 की शुरुआत हो रही है। यह उत्तराखंड के गढ़वाल में स्थित हैं। और बड़ा चार धाम Badrinath, Dwarka, Jagannath Puri, Rameshwaram हैं। छोटे चार धाम में प्रति वर्ष लाखों तीर्थयात्री दर्शनों के लिए आते हैं। इन चार धामों से चार पवित्र नदियाँ भी जुड़ी हुई है जिनमे यमुना नदी यमनोत्री से, गंगा नदी गंगोत्री से, मंदाकिनी केदारनाथ से और अलकनंदा बद्रीनाथ से जुड़ी हुई हैं।
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Char Dham Yatra Route
चार धाम की यात्रा यमुनोत्री , गंगोत्री और केदारनाथ होते हुए बद्रीनाथ पर समाप्त होती हैं। तीर्थ यात्री यमुनोत्री और गंगोत्री से जल लेकर केदारनाथ में जलाभिषेक करते हैं।
Popular Route for Chardham Yatra 2020
Haridwar > Rishikesh > New Tehri > Dharasu > Yamunotri > Dharasu > Uttarkashi > Gangotri > Uttarkashi > Rudraprayag > Gaurikund > Kedarnath > Ukhimath > Chopta > Gopeshwar > Chamoli > Joshimath > Badrinath
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Char Dham Opening Dates
चार धाम वर्ष में करीब 6 महीने ही खुलते हैं। सर्दियों में 6 महीने के लिए कपाट बंद कर दिए जाते हैं। चार धाम गंगोत्री, यमनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा इस वर्ष 2020 में अप्रैल से शुरू होगी। जिसमें गंगोत्री और यमनोत्री के कपाट अक्षय तृतिया को खुलने की परंपरा है यह इस बार 26 अप्रैल को है।
केदारनाथ जी के कपाट 29 अप्रैल 2020 को प्रातः 6 :10 पर खुलेंगे।
बद्रीनाथ जी के कपाट 30 अप्रैल 2020 को प्रातः 4:30 पर खुलेंगे।
Chota Char Dham
Yamunotri Dham

यमुनोत्री मंदिर गढ़वाल हिमालय के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित है। यह मंदिर 10,804ft की ऊंचाई पर गढ़वाल में है यहाँ पर देवी यमुना की मूर्ति Black Marble में बनी हुई हैं। वर्तमान का यह मंदिर टिहरी गढ़वाल के महाराजा प्रताप शाह जी ने बनवाया था। मंदिर के पास ही गर्म पानी का प्राकृतिक स्रोत है जोकि पहाड़ो से निरंतर बहता रहता है। सूर्य कुंड यहाँ का मुख्य कुंड है और पास ही में एक शिला हैं जिसे दिव्य शिला कहते हैं देवी यमुना की पूजा से पहले इस शिला की पूजा की जाती हैं।
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Gangotri Dham

गंगोत्री मंदिर देवी गंगा को समर्पित हैं यह Chota Char Dham में से एक धाम है। मूल गंगोत्री मंदिर नेपाली जनरल अमर सिंह थापा द्वारा बनाया गया था। पवित्र नदी का उद्गम गंगोत्री ग्लेशियर में स्थित गौमुख में है जो गंगोत्री से 19 किमी की दूरी पर है। यहाँ यह भागीरथी के नाम से जानी जाती हैं और देवप्रयाग में अलकनंदा से संगम के बाद गंगा नाम प्राप्त होता हैं।
Kedarnath Dham

केदारनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित हैं। यहाँ तीर्थयात्री यमुनोत्री और गंगोत्री से जल लाकर जलाभिषेक करते हैं। केदारनाथ मन्दिर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के रूद्रप्रयाग जिले में स्थित है। यह गिरिराज हिमालय की केदार नामक चोटी पर स्थित है देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में सबसे ऊँचाई पर स्थित केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग होने के साथ चार धाम और पंच केदार में से भी एक है।
केदारनाथ मंदिर तीन तरफ पहाड़ों से घिरा है। एक तरफ है करीब 22 हजार फुट ऊंचा केदारनाथ, दूसरी तरफ है 21 हजार 600 फुट ऊंचा खर्चकुंड और तीसरी तरफ है 22 हजार 700 फुट ऊंचा भरतकुंड।
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Badrinath Dham

बद्रीनाथ या बद्रीनारायण मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो भगवान विष्णु को समर्पित है। यह छोटा चार धाम और भारत के चार धाम तीर्थ स्थलों में से एक है। यह उत्तराखंड के चमोली में अलकनंदा नदी के किनारे पर है। नर और नारायण पर्वतो के बीच में हैं। हिन्दू धर्म में इसकी बहुत महत्ता है। प्रति वर्ष लाखों श्रद्धालु यहाँ दर्शनों के लिए आते हैं।
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